प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना 2025: किसानों के लिए नई उम्मीद, जानिए इसके फायदे, लक्ष्य और अमल की प्रक्रिया


प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025-26 से शुरू होगी और अगले 6 वर्षों तक लागू रहेगी। यह योजना 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण और भंडारण-सिंचाई सुविधाओं को मजबूत करने पर केंद्रित है। जानें इसकी पूरी जानकारी, लाभ और क्रियान्वयन की प्रक्रिया।
🎉 प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है? 
 
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक बहु-आयामी और समेकित कृषि योजना है, जो वित्त वर्ष 2025-26 से अगले 6 वर्षों तक लागू रहेगी। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

यह योजना नीति आयोग के ‘आकांक्षी जिला कार्यक्रम’ से प्रेरित है और इसे देश के 100 जिलों में लागू किया जाएगा, जिसमें हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम एक जिला शामिल किया जाएगा।
🎁 योजना के तहत कुल खर्च:

सरकार इस योजना पर हर वर्ष ₹24,000 करोड़ खर्च करेगी। यह राशि विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र की साझेदारी से मिलकर कृषि क्षेत्र में समन्वित विकास सुनिश्चित करने हेतु उपयोग की जाएगी।
🎉 Pradhanmantri Dhanya Dhanya krishi Yojana ke uddeshy:
🌱 कृषि उत्पादकता में सुधार

🌾 फसल विविधीकरण को बढ़ावा

💧 सिंचाई और जल संरक्षण की सुविधा

🏠 फसल कटाई के बाद भंडारण सुविधा में सुधार

💳 कृषि ऋण की पहुंच सुनिश्चित करना

🌿 प्राकृतिक और टिकाऊ खेती को अपनाना
किस तरह चुने जाएंगे जिले?
100 जिले योजना में शामिल होंगे।

चयन के लिए मानदंड होंगे:

कम कृषि उत्पादकता

कम फसल सघनता

कम कृषि ऋण वितरण

चयन नेट क्रॉप एरिया और ऑपरेशनल होल्डिंग्स के आधार पर होगा।
योजना कैसे लागू होगी?
योजना को 11 केंद्रीय मंत्रालयों की 36 योजनाओं, राज्य सरकारों और निजी भागीदारों के सहयोग से लागू किया जाएगा।
प्रशासनिक ढांचा:
 
जिला स्तर पर:

जिला धन-धान्य समिति बनेगी जिसमें प्रगतिशील किसान भी शामिल होंगे।

ये समिति जिला कृषि योजना तैयार करेगी।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर:

निगरानी, मार्गदर्शन और संसाधन आवंटन के लिए समितियाँ गठित होंगी।
योजना की निगरानी और मूल्यांकन:

हर जिले की प्रगति की मासिक निगरानी की जाएगी।

117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPIs) के माध्यम से रिपोर्ट तैयार होगी।

नीति आयोग द्वारा योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन सुनिश्चित किया जाएगा।

केंद्रीय नोडल अधिकारी हर जिले में जाकर कार्यों की नियमित समीक्षा करेंगे।
योजना से अपेक्षित परिणाम:

किसानों की आय में वृद्धि

प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा

कृषि ऋण की पहुंच में सुधार

भंडारण, सिंचाई और फसल सुरक्षा में सुधार

देशभर में कृषि के सतत विकास का आधार तैयार करना

निष्कर्ष (conclusion)
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसकी रणनीतिक योजना, बहु-संस्थानिक क्रियान्वयन और सख्त निगरानी व्यवस्था इसे अन्य योजनाओं से अलग बनाती है। आने वाले वर्षों में यह योजना किसानों के जीवन को बेहतर बनाने और देश को कृषि के क्षेत्र में और अधिक समृद्ध बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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