मवेशी क्षतिपूर्ति की क्या है योजना?
बिहार के 27 जिलों के ग्रामीण इलाकों में बरसात के दौरान बाढ़ आती है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से किसने की फसल बर्बाद होती है। साथी पशुपालकों के मवेशियों की मौत होती है या फिर बाढ़ में बह जाती है। इसी को ध्यान में रखकर यह योजना शुरू की गई है। यह खासकर ग्रामीण युवाओं, छोटे किसानों और छोटे पशुपालकों के लिए है। इससे किसान, पशुपालकों की आर्थिक समस्या दूर होगी। योजना के तहत पशु की मृत्यु या लापता होने पर अनुदान की दर चार श्रेणी में होगी। पहली श्रेणी में दूध देने वाले पशु, दूसरी में भार ढोने वाले पशु, तीसरी श्रेणी में पोल्ट्री और चौथी श्रेणी में घर से सटे पशु शेड के अग्निकांड से संबंधित है।
बिहार सरकार की मवेशी क्षतिपूर्ति योजना 2025 के तहत बाढ़ या आपदा के समय मवेशी की मृत्यु या लापता होने पर किसानों और पशुपालकों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। जानें पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और अनुदान राशि।
बिहार सरकार की नई मवेशी क्षतिपूर्ति योजना शुरू
बाढ़, आपदा या अग्निकांड में मवेशी हानि पर मुआवजा
दूध देने वाले पशु, बकरी, मुर्गी से लेकर ऊँट-घोड़े तक सभी शामिल
अधिकतम ₹37,500 तक का मुआवजा प्रति पशु
आवेदन के लिए ज़रूरी दस्तावेज और प्रक्रिया जानें
इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के जिला पशुपालन पदाधिकारी या ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।
🌐 आधिकारिक वेबसाइट:
https://state.bihar.gov.in/ahd
🧾 अनुदान राशि विवरण तालिका:
पशु का प्रकार अनुदान राशि
गाय, भैंस ₹37,500 प्रति पशु (अधिकतम 3)
ऊँट, घोड़ा, बैल ₹32,000 प्रति पशु (अधिकतम 3)
खच्चर, गधा ₹20,000 प्रति पशु (अधिकतम 6)
बकरी, भेड़, सुअर ₹4,000 प्रति पशु (अधिकतम 30)
मुर्गी, बत्तख ₹100 प्रति, अधिकतम ₹5,000 प्रति परिवार
अग्निकांड में मृत पशु ₹3,000 प्रति पशु
🧾 जरूरी दस्तावेज़:
आधार कार्ड, पैन कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक खाता विवरण
पशु मृत्यु प्रमाणपत्र
पशु चिकित्सक द्वारा प्रमाणन
आधिकारिक वेबसाइट
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